प्यारे प्यारे छोटे छोटे फूल,
कोई फूल पीला है कोई फूल नीला है कोई चमकीला है ,
है लाल सभी सब के सपने ,चह- चहाते ,मचलते ,
गुनगुनाते ,हँसते रोते खिलखिलाते ,इठलाते
जैसे किसी उपवन में पंछी है गाते,
ची ची पी पी टी टी की करतल धुन,
बगिया के माली करो अथक श्रम [शिक्षक ]
हर फूल को सींचो अपने ज्ञान के प्रकाश से ,
जो चमक उठे संवर उठे हर फूल ,
बनाये एक उपवन कल ये बगिया के फूल.
महकाये अपनी खुशबू से सबका ,
तन मन धन ,हर एक बने सम्पूर्ण ज्योति का पुंज .
ये 25 वर्ष पूर्व की रचना है .
जब विचारो ने कविता का रूप लेना शुरू किया ...................