
हम बालक प्रेहरी हैं अपनी पुरखों की जागीर के ,
देश भक्ति है इस सीने में देख लो चाहे चीर के ।
हमें झुका सकता है कोई अपने सच्चे प्यार से ,
नहीं झुका सकता है कोई हमको अत्याचार से ।
इससे कहदो उससे कहदो कहदो पाकिस्तान से ,
भारत वाले दुनिया में जियेंगे निज सम्मान से ।
चारो तरफ लगादेंगे पहरे अपनी कश्मीर के............
देश भक्ति है इस सीने में देख लो चाहे चीर के ..........
कौन हिमालय की चोटी पे देखो हाथ लगाएगा ,
किसने माँ का दूध पिया जो सोते शेर जगाये गा ।
भारत भूमि पर होंगे हर सपने मटिया मेट तेरे ,
कश्मीर की धरती पर तड़पेंगे मिसाइल और जेट तेरे ।
प्यार दिया है अपना बदलेमे तेरी शमशीर के .............
देश भक्ति है इस सीने में देख लो चाहे चीर के ..............
कौन कहे गा दुनिया में कश्मीर की घाटी तेरी है ,
जिस धरती के कण कण में नेहरू की राख़ बिखेरी है ।
कितनी बहनों के माथे का सिंदूर गँवा के पाया है ,
लालबहादुर जैसे लाखों लाल गँवाके पाया है ।
हमने ये सब खेल दिखाए तोप तमंचे तीर से ........
देश भक्ति है इस सीने में देख लो चाहे चीर के ..............
No comments:
Post a Comment