Sunday, December 31, 2017

Monday, December 4, 2017

  1. 👌🏽👌🏽Bahut hi sundar kavita 👌🏽👌🏽
  2. *कंद-मूल खाने वालों से*
    मांसाहारी डरते थे।।
  3. ...
  4. *पोरस जैसे शूर-वीर को*
    नमन 'सिकंदर' करते थे॥
  5. *चौदह वर्षों तक खूंखारी*
    वन में जिसका धाम था।।
  6. *मन-मन्दिर में बसने वाला*
    शाकाहारी *राम* था।।
  7. *चाहते तो खा सकते थे वो*
    मांस पशु के ढेरो में।।
  8. लेकिन उनको प्यार मिला
    ' *शबरी' के जूठे बेरो में*॥
  9. *चक्र सुदर्शन धारी थे*
    *गोवर्धन पर भारी थे*॥
  10. *मुरली से वश करने वाले*
    *गिरधर' शाकाहारी थे*॥
  11. *पर-सेवा, पर-प्रेम का परचम*
    चोटी पर फहराया था।।
  12. *निर्धन की कुटिया में जाकर*
    जिसने मान बढाया था॥
  13. *सपने जिसने देखे थे*
    मानवता के विस्तार के।।
  14. *नानक जैसे महा-संत थे*
    वाचक शाकाहार के॥
  15. *उठो जरा तुम पढ़ कर देखो*
    गौरवमय इतिहास को।।
  16. *आदम से आदी तक फैले*
    इस नीले आकाश को॥
  17. *दया की आँखे खोल देख लो*
    पशु के करुण क्रंदन को।।
  18. *इंसानों का जिस्म बना है*
    शाकाहारी भोजन को॥
  19. *अंग लाश के खा जाए*
    क्या फ़िर भी वो इंसान है?
  20. *पेट तुम्हारा मुर्दाघर है*
    या कोई कब्रिस्तान है?
  21. *आँखे कितना रोती हैं जब*
    उंगली अपनी जलती है
  22. *सोचो उस तड़पन की हद*
    जब जिस्म पे आरी चलती है॥
  23. *बेबसता तुम पशु की देखो*
    बचने के आसार नही।।
  24. *जीते जी तन काटा जाए*,
    उस पीडा का पार नही॥
  25. *खाने से पहले बिरयानी*,
    चीख जीव की सुन लेते।।
  26. *करुणा के वश होकर तुम भी*
    गिरी गिरनार को चुन लेते॥
  27. *शाकाहारी बनो*...!
  28. ज्ञात हो इस कविता का जब TV पर प्रसारण हुआ था तब हज़ारो लोगो ने मांसाहार त्याग कर *शाकाहार* का आजीवन व्रत लिया था।
  29. 🙏🌷🍏🍊🍋🍉🍓